Monday, November 25, 2013

कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने कसम खा रखी है कि वो किसी भी मोर्चे पर एक-दूसरे को अकेले शर्मिंदा नहीं होने देंगे


कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने कसम खा रखी है कि वो किसी भी मोर्चे पर एक-दूसरे को अकेले शर्मिंदा नहीं होने देंगे

तभी तो कांग्रेस जब बीजेपी से 2002 को लेकर जवाब मांगती है तो बीजेपी वाले ‘कौन बनेगा करोड़पति’ स्टाइल में पूछते हैं, पहले ये बताओ 84 के बाद तुमने धर्मनिरपेक्ष पार्टी के तौर पर कब क्वॉलिफाई किया?

बीजेपी-तुम्हारे प्रधानमंत्री कोयला घोटाले में शामिल हैं।
कांग्रेस-और बंगारू लक्ष्मण क्या माता के जागरण के लिए पैसे ले रहे थे।

बीजेपी-तुम्हारे नेता बच्चे पैदा कर भूल जाते हैं।
कांग्रेस-मगर तुम्हारे बुज़ुर्ग मंत्रियों की तरह पीठ पीछे वार तो नहीं करते।

बीजेपी-तुम्हारे ढीले रवैए की वजह से 26-11 हुआ।
कांग्रेस-और तुम्हारे विदेश मंत्री की चुस्ती की वजह से इस हमले का मास्टरमाइंड पाकिस्तान पहुंचा।

बीजेपी-खेमका।
कांग्रेस-वंजारा।

बीजेपी-गांधी परिवार।
कांग्रेस-संघ परिवार।

बीजेपी-म्याऊँ म्याऊँ।
कांग्रेस- हाऊ हाऊ।

बीजेपी-छुर्र।
कांग्रेस-फुर्र।

दोनोँ गेम खेल रहे हैं
हम मूर्ख बन रहे है

साभार 'सूरज'

मुगल बादशाह ब्राह्मणों को सत्ता में हिस्सेदारी देते थे :प्रचंड नाग



प्रचंड नाग

मुगल बादशाह ब्राह्मणों को सत्ता में हिस्सेदारी देते थे । ब्राह्मणों के धार्मिक मामलों में जरा भी दखल नहीं देते थे । ब्राह्मणों से जज़िया भी नहीं लेते थे । बदले में प्रत्येक गाँव में फैले ब्राह्मण मुगलों के लिए जनता से क्रूरता से टेक्स वसूल करते थे । नवरत्न ब्राह्मण कूल ही कूल थे । राजपूतों और क्षत्रियों का राज खत्म होने और मुगलों का राज शुरू होने पर भी उनकी अवस्था और सम्मान में कोई आंच नहीं आयी थी । इसीलिए भी वे मूलनिवासी मुस्लिम के सहयोग से विदेशी मुगलों और ब्राह्मणों का विरोध करने वाले शूद्र शिवाजी का विरोध कर रहे थे । शूद्र शिवाजी हार जाये इसीलिए मुगलों की ओर से यज्ञ का आयोजन कर रहे थे । ब्राह्मणों ने मुगलों को शीशे में उतार लिया था पर अंग्रेज अंत तक नहीं सधे बल्कि वे बहुजनों को ही ब्राह्मणों के चंगुल से आज़ाद करते जा रहे थे । बहुजनों ने पिछले 2000 सालों में पहली बार अंग्रेजों के समय में खुली सांस ली थी । शिक्षा का जरा सा आस्वाद लिया था । सेना में शामिल होने से साहस और शौर्य को अनुभव किया था । यह पहली बार था जब ब्राह्मण उनकी संपत्ति छीन नहीं पा रहे थे । सबके लिए समान कानून था । यही कारण है कि ब्राह्मण-बनियों ने अंग्रेजों को भारत छोड़ने का नोटिस दिया । विदेशी ब्राह्मण-बनिए मूलनिवासी बहुजनों से आज भी सध नहीं पा रहे हैं ।बहुजनों ने अब तक नोटिस तक नहीं दिया है ।