Monday, November 25, 2013

मुगल बादशाह ब्राह्मणों को सत्ता में हिस्सेदारी देते थे :प्रचंड नाग



प्रचंड नाग

मुगल बादशाह ब्राह्मणों को सत्ता में हिस्सेदारी देते थे । ब्राह्मणों के धार्मिक मामलों में जरा भी दखल नहीं देते थे । ब्राह्मणों से जज़िया भी नहीं लेते थे । बदले में प्रत्येक गाँव में फैले ब्राह्मण मुगलों के लिए जनता से क्रूरता से टेक्स वसूल करते थे । नवरत्न ब्राह्मण कूल ही कूल थे । राजपूतों और क्षत्रियों का राज खत्म होने और मुगलों का राज शुरू होने पर भी उनकी अवस्था और सम्मान में कोई आंच नहीं आयी थी । इसीलिए भी वे मूलनिवासी मुस्लिम के सहयोग से विदेशी मुगलों और ब्राह्मणों का विरोध करने वाले शूद्र शिवाजी का विरोध कर रहे थे । शूद्र शिवाजी हार जाये इसीलिए मुगलों की ओर से यज्ञ का आयोजन कर रहे थे । ब्राह्मणों ने मुगलों को शीशे में उतार लिया था पर अंग्रेज अंत तक नहीं सधे बल्कि वे बहुजनों को ही ब्राह्मणों के चंगुल से आज़ाद करते जा रहे थे । बहुजनों ने पिछले 2000 सालों में पहली बार अंग्रेजों के समय में खुली सांस ली थी । शिक्षा का जरा सा आस्वाद लिया था । सेना में शामिल होने से साहस और शौर्य को अनुभव किया था । यह पहली बार था जब ब्राह्मण उनकी संपत्ति छीन नहीं पा रहे थे । सबके लिए समान कानून था । यही कारण है कि ब्राह्मण-बनियों ने अंग्रेजों को भारत छोड़ने का नोटिस दिया । विदेशी ब्राह्मण-बनिए मूलनिवासी बहुजनों से आज भी सध नहीं पा रहे हैं ।बहुजनों ने अब तक नोटिस तक नहीं दिया है ।


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